The Ultimate Guide To Papa beti chudai ki kahani

मैं कमर झटकते बोली- हाय पापा मेरी चूत फ़टट गई. निकालो मुझे नहीं चुदवाना.’

जिससे उसकी हमारी आह आ उहह आ आहह कि अवाजे उसके कमरे में चली जाएं, और उसको उससे भी ज्यादा सेक्स चडे।

मानसी ने वैसे ही सर झुकाये हुए जवाब दिया, “हां पापा आज मैं अपनी सहेली स्नेहा के घर गयी थी। वहीं स्नेहा के बॉयफ्रेंड प्रभात के साथ मेरा सेक्स हुआ है – दो बार। दोनों बार प्रभात का डिस्चार्ज मेरे अन्दर ही निकला है”।

मैं उसकी गांड के छेद को अपनी जीभ से पूरा चाट चाट कर साफ़ कर देता हूं हम हम अपनी बेटी को सेक्स का वह मजा देना चाहते है वह जिंदगी भर ना भूलें।

मुझे उसके इशारों से पता चल चुका था कि वो मुझे चोदना चाहता है. आज मैं उससे चुदवाने को तैयार थी.

“आलोक तुम दोनों बालिग हो। तुम दोनों को दुनियादारी की समझ है। और फिर लंड तुम्हारा, चूत मानसी की। चुदाई तुम दोनों के get more info बीच, और जिम्मेदार मैं? वाह क्या खूब कह रहे हो आलोक तुम”।

Maine apni beti ko bol diya ki maine usko meri aur uski maa ki chudai dekhte dekh liya tha. Jaaniye kaise maine usko intercourse ke liye manaya.

तुम्हारी अपनी चूत, तुम्हारी अपनी फुद्दी। मुझे तो तुम जब चाहते, जैसे मर्जी चाहते चोद सकते थे। फिर अपनी ही बेटी मानसी क्यों? बोलो आलोक”।

कुछ छुपाओगे तो नहीं? तो आलोक ने भी हैरान होते हुए मुझसे पूछ लिया, “क्या बात है रागिनी? कुछ ख़ास बात है क्या”?

Meri ammi abbu se lad kar ghar se chali gayi, aur major abbu ke sath akeli reh gayi. Padhiye kaise lockdown mein main unki randi ban gayi.

‘अरे लेकर आओ तो बताएँगे.’ पापा मेरी चूचियों को इतनी कसकर मसल रहे थे जैसे उखाड़ ही लेंगे.

Mere papa ke Place of work se awaaze aati thi, aur major dekhna chaahti thi ki wo kya karte the. Padhiye kaise main waha gayi, aur meri gaand chudi.

पापा मेरी चूत को धीरे धीरे सहलाने लगे..मैने अपनी आँखे बंद कर ली… तभी पापा ने मेरे पेटिकोट का नाडा खोल दिया.. और मेरी पेटिकोट को नीचे से सरका कर अलग कर दिया ..अब मैं नीचे से बिल्कुल नंगी अपने पापा के सामने थी..पापा बोले..अंकिता आँखे खोल!!! मैने आँखे खोली और पापा की तरफ देखा..पापा ने झुक कर मेरे होंठो को चूम लिया…फिर पापा ने मेरे ब्लाउज को खोलना शुरू किया….उसे भी उतारने के बाद तो जैसे वो पागल से हो गये और मुझे पागलो की तरह चूमने लगे..फिर उन्होने मेरी चुचियो को अपने हाथों में भर लिया.. और उन्हे ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे मुझे दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था…..तभी पापा नीचे की ओर सरके और उन्होने मेरी चूत पर अपने होंठ रख दिए… पहले तो धीरे धीरे फिर तेज तेज वो मेरी चूत को चूसने लगे..मैने भी धीरे से अपनी टांगे चौड़ी कर ली और मस्ती के मारे अपनी आँखे बंद कर ली… तभी पापा उठे और बोले..अंकिता ज़रा उठ जा.. मैं उठ कर बैठ गयी..पापा बोले ले ज़रा इसे सहला दे.. मैने अपने हाथों से पापा का लंड सहलाना शुरू कर दिया …फिर पापा ने अपना नाडा खोल दिया और अपने अंडरवेर के साथ ही उसको उतार दिया….

मेरी माँ की करतूत मुझे पापा के पास चुदने के लिए भेजा

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